गम का अँधेरा
*गम के अँधेरे में खो सी गई हूँ मैं*
*किससे कहूँ, कैसे कहूँ*
*तन्हाई के इस सफर में*
*अकेले चल रही हूँ मैं*
*किससे कहूँ, कैसे कहूँ*
*बहुत तड़पाती है ये तन्हाई*
*जी भर के रुलाती है ये तन्हाई*
*कोई नहीं समझता है इस दिल की बात*
*आँखों से बयाँ करूँ तो कैसे करूँ*
*गम के अँधेरे में खो सी गई हूँ मैं*
*किससे कहूँ, कैसे कहूँ*
*एक ख़ुशी की आश लेकर बैठी हूँ*
*ठुंठने चलूँ तो कहाँ चलूँ*
*वीरान हैं मेरे ख़्वाहिशों के घर*
*इसमें रंग भरूँ तो कैसे भरूँ*
*गम के अँधेरे में खो सी गई हूँ मैं*
*किससे कहूँ, कैसे कहूँ*
*माही*
Shrishti pandey
10-Dec-2021 11:57 PM
Bahut badhiya mam
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Swati chourasia
05-Oct-2021 05:53 PM
Very nice
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Shalini Sharma
05-Oct-2021 04:48 PM
Nice
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MAAHI
06-Oct-2021 07:17 PM
Thankyou
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